डिजिटल loan मुहैया करवाने वाले ऐप पर Google की कार्रवाई
RBI दिग्गज टेक कंपनी Google ने आज ऐलान किया है कि उसकी तरफ से Google Play स्टोर से सैकड़ों ऐसे ऐप्स को हटाया जाएगा, जो नियमों का उल्लंघन करके डिजिटल लोन मुहैया कराते हैं। इनमें से कई सारे ऐप्स पर यूजर सेफ्टी गाइडलाइन के उल्लंघन का भी आरोप है। RBI की सख्ती के बाद
टेक सेक्टर की दिग्गज कंपनी Google ने भारत में पसर रहे सैकड़ों पर्सनल लोन ऐप्स (Personal Loan Apps) का रिव्यू किया है। इस प्रोसेस में जिस भी किसी ऐप्स ने नियमों का उल्लंघन किया या सेफ्टी पॉलिसी को नहीं माना, उन्हें तत्काल रूप से Google ऐप स्टोर से हटा दिया गया है।
Google ने की Online loan देने वाले कुछ ऐप्स पर बड़ी कार्रवाई
लोकल लॉ और रेग्यूलेशन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
कंपनी ने गुरुवार को एक पोस्ट के माध्यम से इस बारे में जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि यूजर्स और सरकारी एजेंसियों द्वारा सबमिट किए गए फ्लैग्स के आधार पर इन ऐप्स को रिव्यू किया गया है।
ऐसे ऐप्स की पहचान की जा रही हैं, जो लोकल लॉ और रेग्यूलेशन का उल्लंघन करके फ्रॉड डिजिटिल लेंडिंग करते हैं। ऐसा करने वाले ऐप्स के खिलाफ बिना नोटिस जारी किये ही सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रिव्यू करने के बाद Google ने कहा
Google इंडिया ने गुरुवार को कहा, ‘ जिन ऐप्स ने हमारे सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन किया है या उलंघन करते हुए पाए गए है, उन्हें तत्काल रूप से प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
हमने बचे हुए अन्य ऐप्स के डेवलपर्स को भी कहा है कि वो ये दिखाएं कि वे मौजूदा समय में हमारे नियमों का अनुपालन कर रहे हैं, या नहीं। जो भी ऐप नियमों का उल्लंघन करते हुए पाये गए, उन्हें बिना किसी नोटिस के हटा दिया जाएगा।’
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App डेवलपर्स को मानना होगी Google की शर्तें
Google ने कहा कि उसके प्ले स्टोर पर सभी डेवलपर्स Google प्ले डेवलपर डिस्ट्रीब्युशन अग्रीमेंट की शर्तों से सहमत होते हैं। इसमें शर्त होता है कि सभी ऐप्स उपयुक्त नियम व कानून के आधार पर होंगे। इसमें सामान्य तौर पर स्वीकृत प्रैक्टीसेज और गाइडलाइंस भी शामिल है।
RBI ने एक इंटर्नल वर्किंग ग्रुप का गठन किया
RBI ने मोबाइल ऐप से लोन मुहैया कराने के तौर-तरीकों पर नियम बनाने के लिए एक इंटर्नल वर्किंग ग्रुप का गठन किया है। RBI के अनुसार ऑनलाइन कर्ज देने वाले प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के फर्जीवाड़े की शिकायते मिल रही हैं, जो कि चिंताजनक विषय है।
ऐप पर Google की कार्रवाई
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से देश के कई भागों से मोबाइल एप आधारित लोन देने की गतिविधियों से जुड़ी कई तरह की सूचनाएं सामने आ रही हैं। ये एप आसानी से 5,000 रुपये से 50,000 रुपये तक कर्ज दे देते हैं, लेकिन इस पर 60 से 100 फीसद तक का ब्याज भी वसूलते हैं। साथ ही कर्ज वसूली के नाम पर काफी गलत तरीके से व्यवहार भी करते हैं।